मात्रा गिनती, छंद, रदीफ़, काफिया ना जानूं, मेरी गजल तो कविता में ही साकार होती है। मात्रा गिनती, छंद, रदीफ़, काफिया ना जानूं, मेरी गजल तो कविता में ही साकार हो...
मन के जो भाव हैं, मेरे पास शब्द नहीं हैं उन्हें लिखने के लिए। मन के जो भाव हैं, मेरे पास शब्द नहीं हैं उन्हें लिखने के लिए।
तुझे कैसी फ़िकर है तुझे कैसी फ़िकर है
नव-पुरा का हो मिलन पर शब्द हो आसान से। नव-पुरा का हो मिलन पर शब्द हो आसान से।
मन के मिठास में घुली सी बोली आई है खुशियों के रंग लेके फिर से होली आई है। मन के मिठास में घुली सी बोली आई है खुशियों के रंग लेके फिर से होली आई है।
मिल जाएं एक दूजे में बन जायें चिक्की की डली। मिल जाएं एक दूजे में बन जायें चिक्की की डली।